कालसर्प दोष

Kaalsarp Dosh: भिखारी को भी करोड़पति बना देता है कालसर्प योग, बस कर लें ये छोटा सा काम

Kaalsarp Dosh: पिछले कुछ समय से ज्योतिष में कालसर्प योग का प्रचार-प्रसार बहुत ज्यादा बढ़ गया है। बहुत से लोग तो सुने-सुनाए लक्षणों के आधार पर ही हर किसी को कालसर्प दोष बता भी देते हैं। इस दोष को दूर करने के लिए कई महंगे और जटिल उपाय भी बताए जाते हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित Gurudev Acharya Nirmal Ji -+91 7827959975

काल सर्प दोष बहुत से ज्योतिषियों का चहेता बन गया है और हर तीसरे या चौथे व्यक्ति को ये बताया जा रहा है कि उसकी कुंडली में काल सर्प दोष है तथा उसकी सारी परेशानियों एवम समस्याओं का कारण यही दोष है। यह मत बिल्कुल भी ठीक नहीं है क्योंकि अगर कुंडली में सारा कुछ राहू और केतू ही तय कर देंगे तो बाकि के सात ग्रहों का तो कोई महत्त्व ही नहीं रह जाता। और इस चर्चा को आगे बढ़ाने से पहले आईए एक नज़र में काल सर्प दोष की परिभाषा पर विचार कर लें।

सबसे पहले यह जान लें कि काल सर्प दोष और काल सर्प योग दोनों का एक ही मतलब है तथा इनमें कोई अंतर नहीं है। प्रचलित परिभाषा के अनुसार कुंडली के सारे ग्रह, सूर्य, चन्द्र, गुरू, शुक्र, मंगल, बुध तथा शनि जब राहू और केतु के बीच में आ जाएं तो ऐसी कुंडली में काल सर्प दोष बनता है। उदाहरण के तौर पर अगर राहू और केतु किसी कुंडली में क्रमश: दूसरे और आठवें भाव में स्थित हों तथा बाकी के सात ग्रह दो से आठ के बीच या आठ से दो के बीच में स्थित हों तो प्रचलित परिभाषा के अनुसार ऐसी कुंडली में काल सर्प दोष बनता है और ऐसी कुंडली वाला व्यक्ति अपने जीवन काल में तरह-तरह की मुसीबतों का सामना करता है तथा उसके किए हुए अधिकतर प्रयासों का उसे कोई भी लाभ नहीं मिलता।

कालसर्प योग निवारण पूजा

इस बात का सदैव ध्यान रखें कि किसी भी अन्य पूजा की भांति ही कालसर्प दोष के निवारण के लिए की जाने वाली पूजा में भी पूरी विधि से संपूर्ण प्रक्रिया का पूर्ण होना पूजा के लिए चुने जाने वाले स्थान से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है तथा पूजा के लिए चयनित स्थान केवल विधिवत की जाने वाली पूजा के फल को बढ़ाने के लिए होता है। यदि त्रयंबकेश्वर जैसे धार्मिक स्थानों पर बैठे पंडित इस पूजा को पूरी विधि के साथ तथा कालसर्प दोष निवारण मंत्र की पूरी जाप संख्या के साथ करने में सक्षम हों तो निश्चिय ही इस पूजा को अपने शहर के किसी मंदिर की तुलना में त्रयंबकेश्वर जैसे धार्मिक स्थानों पर करवाना अधिक लाभकारी है।

किन्तु यदि इन स्थानों पर उपस्थित पंडित इस पूजा को विधिवत नहीं करते तथा काल सर्प योग के निवारण मंत्र का निश्चित संख्या में जाप भी नहीं करते तो फिर इस पूजा को अपने शहर के अथवा किसी अन्य स्थान के ऐसे मंदिर में करवा लेना ही उचित है जहां पर इस पूजा को पूरी विधि तथा मंत्रों के पूरे जाप के साथ किया जा सके। ध्यान रखें कि यदि आप त्रयंबकेश्वर तथा उज्जैन जैसे स्थानों पर परम शक्तियों का आशिर्वाद लेने के लक्ष्य से जाना चाहते हैं तो वह आशिर्वाद आप इन स्थानों पर पूर्ण श्रद्धा के साथ जाकर तथा यहां उपस्थित परम शक्तियों को पूर्ण श्रद्धा के साथ नमन करके भी प्राप्त कर सकते हैं। वहीं पर दूसरी ओर यदि आप इन स्थानों पर कालसर्प दोष के निवारण के लिए की जाने वाली कोई पूजा करवाने जा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आपकी पूजा पूरी विधि तथा मंत्रों के जाप के साथ हो रही है।

त्रयंबकेश्वर तथा उज्जैन जैसे धार्मिक स्थानों पर जाना तथा इन स्थानों पर उपस्थित परम शक्तियों का आशिर्वाद लेना बहुत शुभ कार्य है तथा प्रत्येक व्यक्ति को यह कार्य यथासंभव करते रहना चाहिए, किन्तु इन धार्मिक स्थानों पर उपस्थित पंडितों के द्वारा दिशाभ्रमित हो जाना अथवा ठगे जाना एक बिल्कुल ही भिन्न विषय है तथा इसलिए धार्मिक स्थानों पर किसी भी प्रकार की पूजा का आयोजन करवाते समय बहुत सतर्क तथा सचेत रहने की आवश्यकता है जिससे आपके दवारा करवाई जाने वाली पूजा का शुभ फल आपको पूर्णरूप से प्राप्त हो सके।

  • कालसर्प योग के निवारण के लिए की जाने वाली पूजा में भी कालसर्प दोष के निवारण मंत्र का 125,000 बार जाप करना अनिवार्य होता है।
  • पूजा के आरंभ वाले दिन पांच या सात पंडित पूजा करवाने वाले यजमान अर्थात जातक के साथ भगवान शिव के शिवलिंग के समक्ष बैठते हैं तथा शिव परिवार की विधिवत पूजा करेंगे |
  • इस के पूरा हो जाने पर पूजन, हवन तथा कुछ विशेष प्रकार के दान आदि करेंगे। जाप के लिए निश्चित की गई अवधि सामान्यतया 7 से 11 दिन होती है।
  • संकल्प के समय मंत्र का जाप तथा इसके अतिरिक्त जातक द्वारा करवाये जाने वाले काल सर्प योग के निवारण मंत्र के इस जाप के फलस्वरूप मांगा जाने वाला फल भी बोला जाता है जो साधारणतया जातक की कुंडली में कालसर्प दोष का निवारण होता है।

Kaalsarp Dosh: पिछले कुछ समय से ज्योतिष में कालसर्प योग का प्रचार-प्रसार बहुत ज्यादा बढ़ गया है। बहुत से लोग तो सुने-सुनाए लक्षणों के आधार पर ही हर किसी को कालसर्प दोष बता भी देते हैं। इस दोष को दूर करने के लिए कई महंगे और जटिल उपाय भी बताए जाते हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित रामदास के अनुसार कालसर्प दोष एक सामान्य दोष है। यह प्राचीन ग्रंथों में भी वर्णित किया गया है। हालांकि उनके अनुसार यह केवल अशुभ ही नहीं होता है। वरन जन्मकुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर यह व्यक्ति को अरबपति भी बना सकता है। जानिए इस दोष, इसके फायदे, नुकसान एवं उपायों के बारे में

क्या होता है कालसर्प दोष (Kaalsarp Dosh in Jyotish): यह एक सामान्य स्थिति है जो बहुत सी जन्मकुंडलियों में देखी जा सकती है। इस योग में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं। अर्थात् राहु और केतु समस्त ग्रहों को घेर लेते हैं। उल्लेखनीय है कि राहु और केतु वास्तविक ग्रह न होकर खगोलीय गणना के दो बिंदु हैं। इनमें राहु को नॉर्थ पोल तथा केतु को साउथ पोल कहा जाता है। राहु को सर्प का मुख तथा केतु को सर्प की पूंछ भी कहा जाता है।

कालसर्प दोष से जातक बन सकता है अरबपति: यदि दुनिया भर के प्रसिद्ध और प्रभावशाली लोगों की जन्मकुंडली देखी जाए तो उनमें से अधिकतर में कालसर्प दोष मिल सकता है। वस्तुतः ये दोनों ही ग्रह समस्त ग्रहों पर अपना असर डाल कर उन्हें प्रभावित करते हैं। यदि दोनों ग्रह शुभ हैं तो व्यक्ति समस्त कठिनाईयों के बाद भी करोड़पति बन सकता है। लेकिन यदि ग्रह अशुभ हैं तो व्यक्ति करोड़पति से रोड़पति भी बन सकता है। हालांकि ऐसा 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होता है। इसलिए इससे घबराने की जरूरत नहीं है वरन इसकी प्रवृत्ति समझ कर उसका उपाय करना चाहिए।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो उसे जीवन में शिक्षा, धन, परिवार करियर, सेहत आदि से संबंधित कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए भी कई उपाय बताए गए हैं…

  • 1. शनिवार को बहते हुए जल में कोयला प्रवाहित करने से कालसर्प से होने वाली दिक्कतों को कम किया जा सकता है। इसके अलावा शनिवार के दिन मसूर की दाल और जटा वाला नारियल भी बहते हुए पानी में प्रवाहित करने से शुभ परिणाम मिलने की मान्यता है।
  • 2. कालसर्प दोष के कारण जातक को आए दिन जीवन में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में सोमवार के दिन भगवान शिव के मंदिर जाकर जलाभिषेक करें और बेलपत्र अर्पित करें। इसके बाद भोलेनाथ के मंत्र ‘ओम नमः शिवाय’ का जाप सवा लाख बार करें।
  • 3. मान्यता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष होता है तो उसके विरोधी बढ़ जाते हैं तथा कई बार अपने भी धोखा दे जाते हैं। वहीं जातकों को कई शारीरिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इस समस्या से मुक्ति पाने के लिए शनिवार के दिन तेल लगी हुई रोटी काले कुत्ते, गाय या कौवे को खिलाना शुभ माना जाता है।
  • 4. कालसर्प दोष के कारण दांपत्य जीवन में भी तनाव बढ़ जाता है और पति-पत्नी के रिश्ते में दरार पैदा हो सकती है। ऐसे में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि पति पत्नी आपस में दोबारा शादी कर लें तो कालसर्प दोष से मुक्ति मिलने की मान्यता है।
  • 5. कालसर्प दोष निवारण उपायों में घर में किसी पवित्र स्थल पर मोरपंख रखना शुभ माना गया है। साथ ही इस मोरपंख से सुबह-शाम भगवान भोलेनाथ को पंखा करने से शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।